भारत में संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? – 26 नवंबर को ही क्यों संविधान दिवस मनाया जाता है?

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दोस्तों, आज के इस लेख में हम आपको भारत का संविधान (Indian Constitution) से रिलेटेड जानकारी जैसे भारत में संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है और 26 नवंबर को ही क्यों संविधान दिवस मनाया जाता है। इन सब सवालो का जवाब विस्तार में आज आपको इस लेख में जानने को मिलेगा। अगर आपको नहीं मालूम है के संविधान दिवस कब मनाया जाता है और क्यों भारत में संविधान दिवस मनाते है, संविधान दिवस की शुरुआत कब हुई थी, संविधान दिवस का मतलब क्या है तो आप बिलकुल सही जगा पर आये है जिसमे आपको संविधान दिवस से जुड़े सारे सवालो के जवाब इस लेख में पढ़ने को मिलेंगे।

ये तो हम सब को पता है की भारत का संविधान (Indian Constitution) दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। और भारत का संविधान डॉ भीम राव बाबा साहेब आंबेडकर ने लिखा था। और इन्हे भारत का संविधान निर्माता के रूप में भी जाना जाता है। डॉ बाबा साहेब आंबेडकर को पूरा संविधान लिखने में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। और भारत में हर साल 26 नवंबर को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते है क्यूंकि इसी दिन हमारा संविधान बनकर पुरे भारत में लागू हुआ था।

लेकिन भारतीय संविधान दिवस को भारत में राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रूप में भी मनाया जाता है। दरअसल इस दिन की अहमियत यह है की इस दिन ही पुरे भारत में संविधान को सुविकार किया गया था। जी हाँ 26 जनुअरी 1950 के दिन (Republic Day Of India) भारत का संविधान लागु हुआ था लेकिन उससे लग भग 2 महीने पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाने वाली कमिटी जिसे हम Constituent Assembly कहते है। तो चलिए ज़्यादा देर ना करते हुए और विस्तार में जानने की शुरुआत करते है।

संविधान दिवस क्या है – What Is Constitution Day In Hindi

भारत के अंग्रेज़ो से आज़ादी मिलने के बाद से ही भारत में 26 नवंबर के दिन को हम राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप मनाते आ रहे थे। फिर साल 2015 में भारत के संविधान निर्माता डॉ भीम राव आंबेडकर जी की 125 वर्ष की जयंती के रूप में उन्हें याद करने के प्रतीक के रूप में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 26 नवंबर 2015 को पहली बार संविधान दिवस पुरे भारत में मनाने की घोषरा की थी जिसके बाद हम हर साल 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस के रूप में मनाते है।

भारत के प्रधानमंत्री का इस दिन को संविधना दिवस के रूप में बनाने का मक़सद ये था की देश के युवा पीड़ी के बीच जागरूकता फ़ैलाने और संवैधानिक मूल्यों का प्रचार करने के लिए संविधान दिवस को पुरे देश में लागू किया गया था। इस दिन भारत आज़ाद होने के बाद पहली बार अपने संविधान को अडॉप्ट किया था इस लिए 19 नवंबर 2015 को यह निर्णय लिया गया था की 26 नवंबर को भारत सरकार संविधान दिवस के रूप में मनाने की परमपरा भारत में शुरू की जाएगी।

इससे पहले हम 26 नवंबर को हम राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) की रूप में मनाते थे। और इसके पीछे ये कहानी थी की 1930 में कांग्रेस लाहौर सम्मलेन में पूर्ण सवराज की मानाने को पास किया गया था, इसी घटना की याद में कानून दिवस मनाया जाता था।

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भारत में संविधान दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में संविधान दिवस हम हर साल 26 नवंबर के दिन मनाते है। और परम्परा की शुरुआत भारत में साल 2015 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा इसे पुरे भारत में बनाने का एलान किया गया था। जिसके बाद से पुरे भारत में हम 26 नवंबर के दिन भारतीय संविधान के रूप में मानते है। आप जानकारी के लिए में आपको बता दूँ की इससे पहले भारत में हम इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रुप में मनाते थे।

भारत में संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

भारत के संविधान को बनाने में सबसे बड़ा हाथ डॉ भीम राव आंबेडकर का था। और इन्होने ही भारत का पूरा संविधान बनाया था। इस लिए आज हम डॉ भीम राव आंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता के रूप में भी जानते है। और इन्होने पूरी दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान लिखा है। जिसमे उन्होंने भारत के सभी धर्मो, सभी वर्ग के लोग, सभी जातियों को सामान रखा है।

भारत का संविधान देश के हर एक नागरिक को सवतंत्र भारत में रहने, जीवन जीने और सामान अधिकार देता है। सर बाबा साहेब आंबेडकर के इस महान कार्य के लिए उनके सम्मान में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप मनाया जाता है। आज़ादी के पहले भारत में कोई एक संविधान नहीं था जिसका वजह से भारत में रियासतों के अपने अलग अलग कानून थे, जिन्हे देश के राजनितिक नियम, कानून और प्रक्रिया के अंतर्गत लाने की जरूरत थी।

इसके इलावा हमारे देश को एक ऐसे संविधान की जरूरत थी जिसमे देश में रहने वाले लोगो के मूल अधिकार, कर्त्तव्य को निर्धारित किया गया हो और सब को एक सामान अधिकार मिले ताकि हमारा देश तेज़ी से तरक्की की ओर बढे और नयी ऊंचाइयों को प्राप्त करे सके। भारत की संविधान सभा सभा ने 26 जनुअरी 1949 को भारत के संविधान को अपनाया और इसके लागू करने की शुरुआत 26 जनुअरी 1950 से हुई।

26 नवंबर को ही क्यों संविधान दिवस मनाया जाता है?

अभी तक आपने इस लेख में संविधान दिवस क्या है, और संविधान दिवस कब मनाया जाता है और भारत में संविधान दिवस क्यों मनाते है इन सब के बारे में विस्तार पढ़ा है तो अब आपके दिमाग ये सवाल आ रहा होगा के 26 नवंबर को ही क्यों संविधान दिवस मनाया जाता है। दर असल इसके पीछे एक बहुत लम्बी कहानी है।

भारत की आज़ादी के बाद सबसे बड़ी समस्या भारत में कानून बनाने की थी जिसके लिए 9 दिसंबर 1946 में एक सभा बनायीं गयी जिसे Constituent Assembly के नाम से जाना जाता है। इस सभा का काम भारत का संविधान बनाना था। जिसने पूरा भारत का  संविधान 26 नवंबर 1949 में बना कर इसे अपनाया था। इसी लिए आज हम इसी दिन को संविधान दिवस की रूप में मनाते है। लेकिन इस संविधान को पुरे भारत में 26 जनुअरी 1950 में पुरे भारत में लागू किया गया था।

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संविधान का महत्व क्या है?

संविधान दिवस मानाने का असल मक़सद इसके इसके निर्माताओं में शामिल और देश के पहले कानून मंत्री डॉ बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि देना है। भारत का संविधान असल में उस चीज़ का लेखा जोखा है जिसके आधार पर देश चलता है और देश की सरकार और नागरिको के लिए अधिकार बताता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना जाता है।

संविधान दिवस 2022 किस दिन मनाया जायेगा?

संविधान दिवस 2022 में 26 नवंबर शनिवार के दिन मनाया जायेगा। और हार संविधान दिवस 26 नवंबर को ही मनाया जाता है। वर्ष 2022 में भारतीय संविधान दिवस बड़े ही धूम धाम से मनाया जायेगा।

संविधान दिवस की विशेषताएं 

  • भारत का संविधान दुनिया का सबसे लम्बा लखित संविधान मना जाता है।
  • भारत संविधान डॉ भी राव आंबेडकर के द्वारा बनाया गया था।
  • और डॉ भीम राव आंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में जाना जाता है।
  • सबसे पहले भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 के दिन बन कर तैयार हुआ था और उसी दिन इसे अपनाया भी गया था।
  • भारत का संविधान 26 जनुअरी 1950 को पुरे देश में लागू किया गया था।
  • भारत का संविधान बनाने में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।
  • भारत का संविधान बनाने में उस समय हमें 63 लाख 96 हज़ार 729 रुपये लगे थे।
  • संविधान सभा के मुख्य सदस्य के रूप में डॉ भीम राव आंबेडकर को चुना गया था।
  • संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जो बटवारे के बाद 299 हो गए थे।
  • डॉ राजेंद्र प्रसाद को 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष चुना गया था।
  • भारत के संविधानिक सलाहकार BN Rao थे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q. भारत के संविधान का पिता कौन है?

Ans: भारत के संविधान का पिता भारत रत्न डॉ भीम राव आंबेडकर जी है।

Q: भारत का संविधान कितने पेज में लिखा गया है?

Ans: भारत का संविधान 251 पेज (251 Page) में लिखा गया है।

Q: संविधान के लेखक कौन है?

Ans: भारत के संविधान के लेखक प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा थे।

Q: भारत के संविधान का पूरा नाम क्या है?

Ans: संविधान का पूरा नाम रिपब्लिक ऑफ़ भारतीय संविधान है।

Q: भारत का संविधान कब बनकर तैयार हुआ था?

Ans: भारत का संविधान 26 जनुअरी 1949 में बनाकर तैयार हुआ था।

Q: हमारे देश में कितने संविधान है?

Ans: हमारे देश में एक ही संविधान है जो 22 भागो में विभाजित है और इसमें 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ है।

Q: संविधान में तीन मुख्य बातें क्या है?

Ans: हमारा संविधान तीन मुख्य भाग प्रस्तावना, सात लेख और संशोधन में विभाजित है।

Q: भारत का संविधान किसने लिखा है?

Ans: भारत का संविधान डॉ भीम राव आंबेडकर ने लिखा है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज की इस लेख में हमने आपको भारत में संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है और इसके इलावा 26 नवंबर को ही भारत में संविधान दिवस क्यों मनाते है इस सवाल का जवाब बहुत हि विस्तार में जानकारी देने की कोशिश की है। इस लेख को पढ़ने के बाद आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा और हमारी टीम को उम्मीद है की आपको ये लेख पढ़कर बहुत ही अच्छी लगी होगी। तो अगर आपको ये लेख अच्छी लगी है तो इस लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी शेयर जरूर करें।

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