Gudi Padwa 2023: गुड़ी पड़वा क्या है और गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है।

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Gudi Padwa 2023: दोस्तों आज हम आपको इस लेख में सबसे बेहतरीन त्योहारों में से एक गुड़ी पड़वा के बारे में बात करने वाले है जैसे के गुड़ी पड़वा क्या है और गुसि पड़वा क्यों मनाया जाता है। जैसा के आप सभी को पता है की अभी इस समय हमारे भारत देश में गुड़ी पड़वा मनाया जा रहा है ऐसे में हमें इस त्योहार के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए इस लिए आज हम आपको इस लेख में इस त्योहार से जुड़े सारे सवालो के जवाब इस लेख में देने वाला हो तो अगर आप ने भी अभी तक इसके बारे नहीं पता है तो इस लेख को पूरा पढ़िए।

हमारे पुरे भारत देश में सभी त्योहारों को बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता यही और सभी धरम के त्योहारों का अपना अलग अलग महत्व होता है। जहा एक तरफ होली दिवाली मुख्य त्योहारों के रूप में मनाया जाता है वही कुछ ऐसे भी त्योहार है जो भारत के कुछ ही छेत्र में बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। इन्ही त्योहारों में से एक गुड़ी पड़वा भी है जो की मुख्या रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है और इसे “संवत्सर पाडवो” भी कहा जाता है।

गुड़ी पड़वा अमतौर से चैत्र महीने की नवरात्री तिथि की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नव वर्ष की शुरुआत भी इसी दिन होती है। इस साल को गुड़ी पड़वा 2 अप्रैल, शनिवार के दिन मनाया जायेगा और इसी दिन से चैत्र नवरात्री का आरम्भ भी होगा। तो चलिए ज़्यादा देर न करते हुए गुड़ी पड़वा क्या है (Gudi Padwa Kya Hai In Hindi) और गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है इसके बारे में जानते है।

गुड़ी पड़वा क्या है? Gudi Padwa Kya Hai In Hindi

हिन्दू धर्म का यह त्योहार हर मास चैत्र महीने की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। चैत्र माह में हिन्दू धर्म के कई पवन और धार्मिक त्योहार, व्रत आदि अपना पदार्पण करते है। गुड़ी पड़वा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार को भारत में महारष्ट्र समेत कई अन्य भारत के सथानो में मानाने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है।

गुड़ी पड़वा को मुख्य रूप से मराठी समुदाय में बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस पर्व को भारत के अलग अलग स्थानों में अलग अलग प्रदेशों में इसे उगादि, छेती चाँद और उगादि जैसे कई नामो से जाना जाता है। इस दिन, घरो को सवस्तिक हल्दी और सिन्दूर से बनाया जाता है। इस दिन महिलाएं प्रवेश द्वार को कई अन्य तरीकों से सजाती है और रंगोली बनाती है। ऐसा माना जाता है की घर में रंगोली नकारात्मकता को दूर करती है।

गुड़ी पड़वा का अर्थ क्या है? Gudi Padwa Meaning In Hindi

गुड़ी पड़वा ये नाम दो शब्द को मिला कर बना है। पहला शब्द “गुड़ी” जिसका अर्थ ये है की “भगवान ब्रह्मा का ध्वज या प्रतिक और दूसरा शब्द “पड़वा” जिसका अर्थ है की चन्द्रमा के चरण का पहला दिन। इस त्योहार के बाद रबी की फसल काटी जाती है क्यूंकि यह वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। गुड़ी पड़वा में “गुड़ी” शब्द का अर्थ “विजय पताका” से भी है और “पड़वा” का अर्थ प्रतिपदा तिथि है।

इस त्योहार को चैत्र अमावस्या शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि मनाया जाता है और इस समय पर विजय के प्रतिक के रूप में गुड़ी सजाई जाती है। ज्योतिष की मानें तो इस दिन अपने घर को सजाने और गुड़ी फहराने से घर में सुख समृद्धि आती है और पुरे साल खुशहाली बानी रहती है। और ये त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का एक प्रतिक माना जाता है।

गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है? Gudi Padwa Kyu Manaya Jata Hai In Hindi

हिन्दू धरम के पैराणिक कथाओ के अनुसार, ऐसा समझा जाता है की गुड़ी पड़वा के दिन भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्माण्ड की रचना की थी। इसके इलावा यह भी कहा जाता है की इस दिन ब्रह्मा जी ने दिन, सप्ताह, महीने और वर्षो का परिचय किया था। उगादि को सृष्टि की रचना का पहला दिन माना जाता है और इसी वजह से गुड़ी पड़वा पर भगवान ब्रह्मा की पूजा करने का विधान है। हिंदी धरम में कुछ लोगो का यह भी मानना है की इसी दिन भगवान लौटे थे। इस लिए यह विजय पर्व का प्रतिक भी माना जाता है।

गुड़ी पड़वा कैसे मनाया जाता है?

Gudi Padwa 2023 के दिन लोग अपने घरों की साफ़ सफाई करते है और घर के मैन द्वार पर एक अच्छी और सुन्दर सी रंगोली बनायीं जाती है। इस दिन मैन द्वार पर आम के पत्तो से बनाया गया बंधनवार को भी लगाया जाता है। इस ख़ास दिन में घर की महिलाएं अपने घर के बाहर गुड़ी पड़वा लगाती है। ऐसा मन्ना है की गुड़ी की पूजा करने से घर में सुख सम्रुद्धि आती है। इस दिन कई अलग अलग तरह के पकवान बनाने का रिवाज है लेकिन मुख्य रूप से इस दिन महारष्ट्रीयन पकवान पूरन पोली को बनाया जाता है। जिसे फिर पूरा परिवार एक साथ बैठकर मिलजुलकर खाते है।

भारत के कुछ जागो में गुड़ी पड़वा के दिन नीम की पत्तियों को खाने की परंपरा भी है। ऐसी मान्यता है की इस दिन नीम की पत्तियों का सेवन करने से कई बीमारी ख़तम या मुक्ति मिल जाती है। इस प्रकार से सिर्फ मराठी समुदाय के लोग ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अलग अलग स्थानों में ये पर्व बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है।

Gudi Padwa Kya Hai In Hindi इस दिन लोग मिलजुलकर नए साल का स्वागत करते है। अगर आपको यह लेख पढ़ने में मजा रहा है तो इसे शेयर ज़रूर करे।

गुड़ी पड़वा का इतिहास क्या है?

Gudi Padwa 2023 में हिन्दू पैराणिक कथाओं के अनुसार, लोगो के द्वारा ऐसा मन जाता है की गुड़ी पड़वा के दिन भगवन ब्रह्मा ने ब्रह्माण्ड की रचना की थी। इसके इलावा यह भी कहा जाता है की इस दिन ब्रह्मा जी ने दिन, सप्ताह, महीने और वर्षों का परिचय भी दिया गया था। उगादि को सृष्टि की रचना का पहला दिन माना जाता है और इस वजह से इस दिन हम गुड़ी पड़वा पर भगवान् ब्रह्मा की पूजा करने का विधान है। कुछ लोगो का यह भी मन्ना है की इसी दिन भगवान श्री राम विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या लौटे थे। इस लिए इस दिन विजय पर्व का प्रतिक भी है।

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