दोस्तों आज हम आपको इस लेख में हमारे भारत देश की खोज किसने की थी? (Bharat Ki Khoj Kisne Ki) इसके बारे में विस्तार में जानकारी देने वाले हैं तो अगर आपको भी नहीं पता है कि हमारे भारत की खोज किसने की है तो यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। अगर आप भारत के निवासी है तो यकीनन आप भी जानना चाहते होंगे कि भारत की खोज किसने की थी तो इस लेख को पूरा आखिर तक पढ़े इस लेख में हमने आपको Bharat Ki Khoj Kisne Ki? इस सवाल के पूरे इतिहास के साथ विस्तार में जानकारी देने की कोशिश की है।
दोस्तों बचपन में हमें स्कूल में यही पढ़ाया जाता था कि भारत की खोज वास्कोडिगामा ने की था, और यह जवाब सही भी है लेकिन जब भी आप इसके बारे में पढ़ते थे तो आपके मन में यह सवाल आता होगा कि वास्कोडिगामा के भारत की खोज करने से पहले क्या दुनिया में भारत देश का कोई अस्तित्व नहीं था। यही सवाल मुझे भी इस लेख को लिखने से पहले बहुत परेशान करता था। लेकिन जब हमने इस लेख को लिखने के लिए इसके बारे में जानकारी जुटाना शुरू की तो हमें भारत की खोज किसने की इसके बारे में सब कुछ पता चल गया।
आज के समय में भारत देश को दुनिया का सबसे प्राचीन देश माना जाता है और इस देश की संस्कृति को विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति मानी जाती है। तो ऐसे में हम भारत के एक अच्छे नागरिक होने के नाते यह पता होना चाहिए कि Bharat Ki Khoj Kisne Ki? और कब की गई थी।
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भारत देश की खोज किसने की थी?
ऐसा माना जाता है कि भारत की खोज सबसे पहले 20 मई 1498 ईस्वी में पुर्तगाल के समुद्री खोजकर्ता वास्कोडिगामा ने की थी। वास्कोडिगामा ने भारत में पहली बार भारत के राज्य केरला के समुद्री तट से जुड़े कालीकट बंदरगाह पर अपने चार नाविकों के साथ कदम रखा था। उस समय के कालीकट के हिंदू राजा जमोरिन ने पुर्तगाल के समुद्री यात्री वास्कोडिगामा का खूब शानदार स्वागत किया था। जिसके बाद वास्कोडिगामा ने कालीकट में कुल 3 महीने रहने के बाद वापस अपने देश पुर्तगाल चले गए थे।
पुर्तगाल के खोजकर्ता वास्कोडिगामा ने भारत देश की 3 बार यात्रा की थी। जिनमें से उनकी अंतिम यात्रा 1524 में हुई थी। जिसने उन्हें मलेरिया से गंभीर बीमार हो गए थे, जिसकी वजह से 24 दिसंबर 1524 में कोच्चि में उनका निधन हो गया था।
दोस्तों अब सवाल यह उठता है कि वास्कोडिगामा के भारत खोजने से पहले क्या दुनिया में भारत देश का कोई अस्तित्व नहीं था। तो मैं आपको बता दूं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। वास्कोडिगामा के भारत की खोज करने से पहले दुनिया में भारत का अस्तित्व था, लेकिन उस समय तक भारत देश के बारे में सिर्फ भारत में रहने वाले लोग ही जानते थे, लेकिन भारत के बाहर दूसरे देश के लोगों को इस देश के बारे में कुछ नहीं पता था।
पुर्तगाल के खोजकर्ता वास्कोडिगामा ने भारत देश की खोज नहीं की थी बल्कि वह यूरोप से भारत तक के समुद्री रास्ते की खोज की थी, जिसका श्रेय आज हम इनको देते है। साथ ही वास्कोडिगामा को आज हम डिस्कवरी ऑफ इंडिया (Discovery Of India) के नाम से बुलाते है। वास्कोडिगामा से पहले बहुत सारे भारत में आक्रमणकारी, घुसपैठिया जैसे कि सिकंदर, मंगोल और अरब के बादशाह लोग भारत में आ चुके थे। लेकिन यह सब लोग समुद्री रास्ते से नहीं आए थे बल्कि वह प्रसिद्ध स्थलीय खेबर दर्रा के रास्ते भारत पहुंचे थे।
उस समय भारत के पास प्राकृतिक संसाधन, धन और खजाना था जिसके लिए भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। बहुत सारे बड़े देशों से लोग भारत में व्यापार करने के लिए आते थे और यहां से अच्छी खासी कमाई भी करके जाते थे। दूसरे देशों की तुलना में भारत उस समय बहुत समृद्ध था, जिसकी वजह से यह देश पूरी दुनिया की नजरों में आकशरण का केंद्र बना हुआ था। जिसमें यूरोपियनस भी भारत में व्यापार करने के लिए आते थे और यहां से सस्ते दामों में सामान ले जाकर अपनी मार्केट में महंगा बेचा करते थे खूब पैसा कमाते थे।
भारत की खोज कब हुई थी?
भारत की खोज पुर्तगाल के खोजकर्ता और समुद्री यात्री वास्कोडिगामा ने 20 मई 1498 ईस्वी में की थी। वास्कोडिगामा ने इस यात्रा को अपने 4 नाविकों के साथ पूरी की थी। वास्कोडिगामा ने पहली बार समुद्र के रास्ते से भारत देश में पहुंचे थे। इसी के साथ वह दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे जो समुद्री मार्ग से यूरोप से एशिया पहुंचे थे। इसलिए यूरोप से एशिया तक का रास्ता खोजने का श्रेय वास्कोडिगामा को ही दिया जाता है।
ऐसा कहां जाता है कि वास्कोडिगामा ने 8 जुलाई 1497 में लिस्बन से भारत की खोज के लिए अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। और इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि वास्कोडिगामा ने अपने साथ लगभग चार जहाजों और 170 आदमियों के साथ यूरोप से भारत की खोज करने के लिए निकले थे। जिसमें से उनके साथ सिर्फ 54 आदमी ही इस यात्रा को पूरा करके वापस लौटे थे। इस यात्रा में वास्कोडिगामा ने सबसे पहले मोजाम्बिक, मोम्बासा, मालिंदी से होते हुए भारत में कोझिकोडे केरल राज्य के कालीकट में पहुंचे थे।
वास्कोडिगामा ने कुल 3 बार भारत की यात्रा की थी जिसमें से तीसरी यात्रा में उन्हें मलेरिया की बीमारी होने के कारण केरल के कोच्चि में ही उनका निधन हो गया था। वास्कोडिगामा की खबरें आज भी केरल के एक किले में मौजूद है, जो कोच्चि के पास में ही स्थित है। वास्कोडिगामा का निदान 24 दिसंबर 1524 में हुआ था। वास्कोडिगामा समुद्री रास्ते से यूरोप से भारत पहुंचने करीब 10 महीने का समय लगा और जब वह भारत से वापस यूरोप जा रहे थे तो उन्हें 2 साल का समय लग गया था।
वास्कोडिगामा के बारे में कुछ अनसुनी बातें
दोस्तों आपको अब यह तो पता चल गया है कि Bharat Ki Khoj Kisne Ki तो चलिए अब हम आपको भारत की खोज करने वाले वास्कोडिगामा के बारे में कुछ अनसुनी बातें बताते है जिनके बारे में आप अभी तक नहीं जानते थे।
वास्कोडिगामा का जन्म 1460 ईस्वी में पुर्तगाल देश के सीन्स शहर में एक बहुत ही परिवार में हुआ था। वास्कोडिगामा पहले ऐसे यूरोपियन थे जो समुद्री रास्ते से भारत में कदम रखे थे। शुरुआत में वास्कोडिगामा पुर्तगाल में एक व्यापारी थे जिन्होंने भारत में व्यापार करने के लिए समुद्री रास्ते से भारत आए थे। वास्कोडिगामा पूरी दुनिया में देश विदेश में घूम घूम कर मसालों का व्यापार करते थे। इन्होंने भारत की पहली यात्रा 1497 से 1499 में किया था।
वास्कोडिगामा को भारत की समुद्री यात्रा के दौरान पता चला कि अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर एक जगह पर आकर मिलते हैं जिसे उन्होंने “उम्मीद का रास्ता (Cape Of The Good Hope) का नाम दिया था। उस समय समुद्री मार्ग का पता चलना यह एक बहुत बड़ी खोज के तौर पर देखा जाता था। जब वास्कोडिगामा ने यूरोप से भारत तक का समुद्री रास्ता खोजने के कारण यूरोप और एशिया के लोग आपस में व्यापार करना शुरू कर दिए थे।
वास्कोडिगामा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- वास्कोडिगामा ने 20 मई 1498 ईस्वी में समुद्री रास्ते से भारत की खोज की थी।
- वास्कोडिगामा की मृत्यु 24 दिसंबर 1524 में केरल के कोच्चि में हुई थी।
- वास्कोडिगामा ने समुद्री रास्ते से 3 बार भारत की यात्रा की थी।
- वास्कोडिगामा की जहाज का नाम सैन ग्रैबियल और साओ राफेल रखा था।
- वास्कोडिगामा को भारत पहुंचने में कुल 10 महीने और भारत से वापस लौटने में 2 साल लगे थे।
- वास्कोडिगामा का जन्म 1460 ईस्वी में पुर्तगाल के शहर सीन्स में हुआ था।
- वास्कोडिगामा ने अपने साथ 170 आदमियों को लेकर यूरोप से भारत की खोज के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी।
भारत देश के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- आज के समय में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश है।
- आज भारत देश क्षेत्रफल के मामले में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश माना जाता है एशिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।
- भारत देश की राजधानी दिल्ली है।
- भारत देश को विश्व के सबसे प्राचीन देशों में से एक है।
- भारत का बहुत सारा नाम है जैसे भारतवर्ष, हिंदुस्तान, आर्यवर्त, भारत और इंडिया है।
- भारत में आज के समय में बहुत सारे धर्मों के लोग रहते हैं।
- भारत देश का नाम राजा भरत के नाम पर पड़ा था।
- जीरो का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट भारत के रहने वाले थे।
- आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की खोज भी भारत देश से हुई थी।
- विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति भारत देश की संस्कृति को ही माना जाता है।
FAQs
Que: भारत का आविष्कार किसने किया था।
Ans: भारत का अविष्कार सबसे पहले वास्कोडिगामा ने किया था।
Que: भारत के खोजकर्ता कौन है?
Ans: भारत के खोजकर्ता पुर्तगाल के रहने वाले वास्कोडिगामा है।
Que: भारत की खोज कब हुई थी?
Ans: भारत की खोज 20 मई 1498 में हुई थी।
Que: वास्कोडिगामा ने भारत की खोज कैसे की थी?
Ans: वास्कोडिगामा ने भारत की खोज समुद्री रस्ते से की थी।
Que: डिस्कवरी ऑफ इंडिया किसे कहा जाता है?
Ans: डिस्कवरी ऑफ इंडिया भारत की खोज करने वाले वास्कोडिगामा को कहा जाता है।
Que: वास्कोडिगामा की मृत्यु कब हुई थी?
Ans: वास्कोडिगामा की मृत्यु 24 दिसंबर 1524 में हुई थी।
Que: वास्कोडिगामा भारत पहुंचने में कितना समय लगा था?
Ans: वास्कोडिगामा भारत पहुंचने में लगभग 10 महीने लगे थे।
Que: वास्कोडिगामा ने भारत में सबसे पहले कहां आए थे।
Ans: वास्कोडिगामा समुद्री रास्ते से भारत में केरल राज्य के कोच्चि कालीकट में कदम रखा था।
आज आपने क्या जाना
दोस्तों आज हमने आपको इस लेख में भारत देश की का खोज किसने की थी (Bharat Ki Khoj Kisne Ki) इसके बारे में विस्तार में जानकारी देने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है कि आपको इस लेख से कुछ नया जानने को मिला होगा। अगर आपको यह लेख अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में भी शेयर करें।
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